Thursday, August 20, 2020

समय का उपयोग

काव्यशास्त्रविनोदेन कालो गच्छति धीमताम_। 
व्यसनेन च मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा।। 

भावार्थ -बुद्धिमान अपना समय काव्य एवं शास्त्र के पठन -पाठन, अनुसन्धान,  क्रियान्वयन आदि में बिताकर,  उसका सदुपयोग करता है, जबकि मूर्ख अपना समय बुरे काम करने, लड़ाई -झगड़ा करने एवं सोने में बिताकर, उसका दुरूपयोग करता है। 

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