काव्यशास्त्रविनोदेन कालो गच्छति धीमताम_।
व्यसनेन च मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा।।
भावार्थ -बुद्धिमान अपना समय काव्य एवं शास्त्र के पठन -पाठन, अनुसन्धान, क्रियान्वयन आदि में बिताकर, उसका सदुपयोग करता है, जबकि मूर्ख अपना समय बुरे काम करने, लड़ाई -झगड़ा करने एवं सोने में बिताकर, उसका दुरूपयोग करता है।
Very Nice 😊
ReplyDeleteSatya vachan
ReplyDeleteSo True
ReplyDeleteसत्य वचन
ReplyDeleteVery True Lines
ReplyDeleteसत्य वचन 🙏
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा आपने।
ReplyDeleteVery true👍
ReplyDeleteअतिसुन्दर विचार
ReplyDeleteUtilising the time in a proper manner leads to success.
ReplyDeleteYes very right!
Delete